मामला तेलिया तालाब का, क्षेत्रीय पार्षद की सफ़ाई तो आ गयी... पर जागरूक विधायकजी की चुप्पी समझ में ना आई...?
भोपाल / मन्दसौर | MDS | उमेश नेक्स, ( क्रांतिकारी रिपोर्टर 9424538555 ) 5 दिसम्बर 2017 / लाखों लोगों को जीवनदान देने वाला, हजारों हेण्डपम्प और कुओं को रिचार्ज करने वाला, शहर की शान कहलाने वाला, तेलिया तालाब का जीवन आज खतरे में है...! उसके हाथ पैर काट कर बड़े बड़े लोग अपने बंगले, रिसोर्ट, निजी स्कूल बना रहे है... बावजूद इसके जिम्मेदार क्षेत्र या अपने कल का हित देखने की बजाए अपना आज का निजी हित देख रहे है...! शासन, जल संसाधन विभाग, नगर पालिका और जागरूक लोगों की आपत्तियों को नजर अंदाज करके एक पूर्व भ्रष्ट कलेक्टर ने अपने को भगवान मान लिया और हर एक गलत काम में किसी का भी साथ देने वाले जागरूक विधायक ने भी अपने को भगवान का दूत मान लिया था...? भगवान ने अपने दूत की एक चिठ्ठी मात्र पर तेलिया तालाब को आधा काट कर भूमाफियाओं को दे दिया...! इसका खुलासा गत दिनों तरुण शर्मा ने कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधि होने के बाद भी मामलें में कांग्रेस नेताओं की उदासीनता के चलते आरटीआई कार्यकर्ता बन कर किया...? क्षेत्र की प्रसिद्ध जुगलबंदी 'तू ढ़ोल बजा, मैं नाचूँगी' ने मन्दसौर को 'लूट फ्री जोन' बना कर सारे लुटेरों को लूटने के लिए स्वतंत्र कर दिया था...? जिले में 2 साल के कार्यकाल में स्वतंत्र कुमार साहब ने अपने और अपनों के लिए न जाने क्या नही किया...! दूधाखेड़ी मन्दिर को लापरवाही पूर्वक गिरा कर लाखों हिंदुओ की भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया... सरकारी दलौदा शुगर मिल को निजी हाथों में सौंप दिया... नगर के 37 नालों को भूमाफियाओं के नाम कर दिया... किसान आंदोलन में आग लगवा कर 5 किसानों को गोलियों से भुनवा दिया...? बावजूद इसके शिवराज सरकार ने इनका कुछ नही किया... अंत में जनता ने ऐसी स्वतंत्रता से स्वतंत्र होने के लिए सब्र का बांध तोड़ना पड़ा यानी पाप का घड़ा फूट पड़ा... और लोगों ने दौड़ा दौड़ा कर...? खेर ये तो स्वतन्त्र कुमार साहब एंड कम्पनी के कारनामें थे...! क्रांतिकारी रिपोर्टर का मानना है कि इस दौर आदमी कुछ भी बन जाये पर कथित ईमानदार बना रहना चाहता है, सावर्जनिक रूप से ईमानदारी की बात भी करता है पर उस राह पर खुद नही चलता है...! तेलिया तालाब को ले कर भी यही हो रहा है... सबको मालूम है कि शहर के लाखों लोगों के जीवन के लिए तालाब, पैसों और ऐशो आराम से ज्यादा जरूरी है... बावजूद इसके सौर ऊर्जा से चलने वाली विपक्ष की ट्यूबलाइट अब तक नही जली है... क्योंकि सूरज की रोशनी कई दिनों से विपक्ष पर नही पड़ी है...? मात्र मीडिया के दबाव में तो क्षेत्रीय पार्षद विधा पुखराज दशोरा ने तो अपनी सफाई दे दी है... और पूर्व कलेक्टर स्वतंत्र कुमार पर मानहानि तक करने की बात कह दी है ! पर जिन क्षेत्रीय विधायक यशपाल सिसोदिया ने तालाब को छोटा करने की भारी भरकम चिट्ठी लिखी... और पूर्व कलेक्टर ने जिस चिट्ठी के जिक्र पर तेलिया तालाब की 150 बीघा जमीन भूमाफियाओं के हिस्से दे दी...? उनने इस मामलें में अब तक क्यों चुप्पी नही तोड़ी... ये हमारी तो समझ से परे है पर नगर की जनता शायद सब समझती है...? तेलिया तालाब पर क्षेत्र के जिम्मेदार लोगो की चुप्पी देख क्रांतिकारी रिपोर्टर को कुछ लाइन याद आती है... जो तेलिया तालाब के मुद्दे को ले कर सटीक बैठती है... "यहाँ सब ख़ामोश है कोई आवाज़ नहीं करता! सच बोलकर कोई किसी को बेवज़ह नाराज़ नहीं करता।"